तत्कालीन पूज्य द्वारकाशारदापीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य द्वारा महाराज श्री के ज्योतिष्पीठाधीश्वर अभिषिक्त होने का
घोषणा पत्र श्रीद्वारका-शारदापीठ द्वारका (सौराष्ट्र)

दिनांक: 7/12/1973 मुकाम देहली

हम प्रसन्नतापूर्वक सोत्साह यह घोषणा करते हैं कि ब्रह्मीभूत श्री ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री ब्रह्मानन्द सरस्वती महाराज के वरिष्ठतम एवं योग्य शिष्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी  महाराज जिनमें आदि शंकराचार्य जी के महानुशासन और मठाम्नाय के अनुसार जगद्‌गुरु शंकराचार्य होने की पूर्ण योग्यताएं हैं… काशी विद्वत्परिषद् के प्रस्ताव दि. वामन द्वादशी ता. 9/9/1973, द्वितीय प्रस्ताव 12/9/1973 के अनुसार एवं ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी
श्री कृष्णबोधाश्रम महाराज का सुझाव भी एतदर्थ संप्राप्त है। इसके पट्टाभिषेक के प्रस्ताव पर हम स्वयं इन्हें जगद्गुरु शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में स्वीकार करते हैं।

आज से ज्योतिष्पीठाधीश्वर क्षेत्र में क्षेत्र की जनता परमपूज्य आचार्य के रूप में माने और उपदेशादि ग्रहण करें। इस निर्वाचन में हम और शृङ्गेरीपीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य भी उत्साहपूर्वक सक्रिय भाग ले रहे हैं एवं स्वीकृत किया है।

हस्ताक्षर :
श्री अभिनव सच्चिदानन्द तीर्थ स्वामिनः (द्वारका-शारदापीठ की मुहर)

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तत्कालीन गोवर्धनपीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शंकराचार्य द्वारा महाराज श्री के ज्योतिष्पीठाधीश्वर अभिषिक्त होने का
 घोषणा पत्र

।। श्रीहरिः ।।
अनन्तश्री जगद्‌गुरु शंकराचार्य श्रीनिरंजनदेव तीर्थ जी महाराज
गोवर्धनमठ, पुरी (उड़ीसा)

हम प्रसन्नतापूर्वक घोषणा करते हैं कि ब्रह्मलीन ज्योतिष्पीठाधीश्वर स्वामी श्री ब्रह्मनन्द सरस्वती जी महाराज के वरिष्ठतम सुयोग्य शिष्य श्री स्वरूपानन्द सरस्वती आदि शंकराचार्य के ‘मठाम्नाय और महानुशासन’ के अनुसार जगद्‌गुरु शंकराचार्य बनने की समस्त योग्यताएं रखते हैं। इसी कारण धर्म-परिषद ने भी वामन द्वादशी दिनांक 1973 को प्रस्ताव द्वारा इन्हीं स्वामी स्वरूपानन्द जी महाराज की इस पद के योग्य निश्चित किया एवं ब्रह्मलीन जगद्‌गुरु शंकराचार्य जी ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

इसी कारण दिल्ली में आयोजित पट्टाभिषेक श्री द्वारका शारदापीठाधीश्वर स्वामी अभिनव सच्चिदानन्द तीर्थ महाराज तथा श्रृंगेरी पीठ प्रतिनिधि और श्रीमुख तथा हमारे सहयोग से सम्पन्न हुआ। अतः हम सभी स्वामी श्रीस्वरूपानन्द सरस्वती को ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य के रूप में स्वीकार करते हैं, तथा ज्योतिष्पीठ क्षेत्र की समस्त जनता को परामर्श देते हैं कि उन्हें परमपूज्य आचार्य रूप में मानकर इनके पावन उपदेशादि ग्रहण करें। शम्

हस्ताक्षर :
(मुहर) अनन्तश्री जगद्‌गुरु शंकराचार्य
श्री निरंजनदेव तीर्थ जी महाराज, गोवर्धनमठ, पुरी (उड़ीसा)

Time Line Sri Badari Dwaraka Jagadguru Shankaracharya Swami Sri Swaroopananda Saraswati Ji Maharaj

DateEventEvidenceSourceDescriptionRef
 Birth    
 Childhood    
 Tapasya    
 Bramhacnari      
 Education    
 Sanyasi    
 Swatandta Sangrama    
 Gow Seva Andolan    
 Jyotirmath Abhishekam    
As a Jyotirmath Shankaracharya
 Dwarakamath Abhishekam
    
As a Dwaraka Shankaracharya
Cow Protection
Dharma Samrakshana Program
 Sri Rama Setu Andolan    
 Sri Rama Janmabhoomi Andolan    
 Dharma Samrat     
 11-09-2022 Brahmalena