












लाल चौक पर जलाए दीप, की आरती दीपावली पर श्रीनगर में मनाया उत्सव, घंटाघर तिरंगे के रंग में रंगा
अमर उजाला ब्यूरो – श्रीनगर। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में स्थित लाल चौक पर ऐतिहासिक घंटाघर के पास वीरवार को पहली बार भव्य तरीके से दिवाली उत्सव मनाया गया। एक तरफ तिरंगे के रंग में रंगा घंटाघर और दूसरी तरफ करीब दस हजार दीपों से जगमगाया लाल चौक का इलाका एक अलग ही दृश्य पेश कर रहा था।
रोशनी के इस खूबसूरत त्योहार के मौके पर पूरे लाल चौक पर सैकड़ों स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने दीये जलाए। श्रीनगर के केंद्र में स्थित लाल चौक दिन के समय पर्यटकों से गुलजार रहा और शाम होते ही पूरा बाजार दीयों की रोशनी से जगमगा उठा।
अधिकारियों ने बताया कि इस इलाके में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भव्य तरीके से दिवाली मनाई गई है। इस अवसर पर श्री हनुमान जी का पूजन व हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। भव्य आरती भी हुई।
जगद्गुरु श्री शंकराचार्य उत्तरमाणाय बद्री ज्योतिर्मठ सेवा समिति द्वारा आयोजित इस उत्सव में स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों की भी भागीदारी देखने को मिली। इस अवसर पर मौजूद धर्मगुरु गोविंदानंद दीपावली पर श्रीनगर के लाल चौक पर आरती करते लोग। संबाट
सरस्वती ने कहा, हम चाहते हैं सम्पूर्ण कश्मीर का पुनर वैभव स्थापित हो। आज उसके लिए लिए यह एक पहल है कि हम लाल चौक में दीपावली उत्सव मना रहे हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि सबके सहयोग से हमें यह उत्सव मनाने का अवसर मिला। एक जमाने में लाल चौक में खड़ा रहना मुश्किल होता था लेकिन वो कश्मीर अब बदल चुका है। हम चाहते हैं कि सम्पूर्ण कश्मीर में ऐसे ही हर त्योहार मनाए और कश्मीरी पंडित लौट आएं।
जाए स्थानीय निवासी वैष्णवी ने कहा, इससे पहले हम यहां मंदिरों में दिवाली का पर्व मनाते थे, लेकिन पहली बार घंटा घर के पास इतने बड़े स्तर पर दिवाली का पर्व मनाया गया। काफी अच्छा लगा। मुबई से आए आशीष ने
कहा, यहां पर दिवाली मनाने का गर्व हम महसूस कर रहे हैं। हजारों की संख्या में दिए जलाए गए हैं। श्री राम की भव्य प्रतिमा भी लगाई गई है। ऐसा पहले कभी देखने को नहीं मिला था, जैसा कि हम सुनते आए हैं। उन्होंने कहा कि लाल चौक जो कभी आतंकवाद का केंद्र हुआ करता था, अब यहां दिवाली उत्सव मनाया जा रहा है। यह असल में नया कश्मीर है।
गुजरात के राजकोट से आई रश्मि कहा, मैं यहां आकर बहुत खुश हूं। ने यहां का माहौल बहुत बढ़िया है। मैंने उत्सव का ऐसा शानदार माहौल कहीं नहीं देखा। एक अन्य पर्यटक मनीष ने कहा, ‘हम कश्मीर के लोगों के आंभारी हैं जिन्होंने हमारा समर्थन किया और जश्न में शामिल हुए।
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